नपाप को धन मिलने के तीन वर्ष बाद प्लान्ट का निर्माण नहीं कर सकी। कूड़ा निपटान प्लान्ट का निर्माण न होने से नगर में जगह जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है।
1 min readउतरौला
शासन ने आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला में कूड़ा निपटान प्लान्ट के लिए तीन वर्ष पहले तैंतीस लाख रुपए दिए थे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के तहत शासन ने आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला को कूड़ा निपटान केंद्र बनाने का निर्देश दिया। इसके लिए शासन ने नपाप उतरौला को तैंतीस लाख रुपए आवंटित कर दिया। इस केंद्र को बनाने के लिए विवाद इसके जमीन को लेकर शुरू हुआ। नपाप उतरौला के पास नगर क्षेत्र में कोई खाली जमीन नगर पालिका परिषद उतरौला की नहीं थी। एसडीएम उतरौला व नपाप उतरौला के प्रयास से नगर से आठ किमी दूर ग्राम देवरिया मैनहा में ग्राम पंचायत की 0.1250 हे0 भूमि का चयन किया गया। इस पर केन्द्र बनाने की स्वीकृति प्रशासन ने दे दी। उसके बाद इस पर केन्द्र पर निर्माण का ठेका नपाप उतरौला ने दे दिया लेकिन ठेकेदार ने इस जमीन पर निर्माण करने से मना कर दिया। ठेकेदार ने नपाप उतरौला के अधिकारियों को बताया कि नपाप द्वारा केंद्र के लिए चिन्हित जमीन काफी गहरा होने से तालाब की शक्ल में है। इसलिए इसमें मिट्टी पटाई के बाद केंद्र का निर्माण हो सकता है। मामला नवनिर्वाचित अध्यक्षा नपाप उतरौला श्रीमती सविता गुप्ता के सामने आया। उन्होंने इस समस्या के निदान के लिए 11 अक्टूबर को नपाप के बोर्ड में विगत दिनों उठाया। बोर्ड ने इस चिन्हित जमीन पर मिट्टी पटाई का अनुमोदन कर दिया और शासन से इसके लिए धन की मांग की है। इस तरह जमीन विवाद में तीन वर्ष बीतने के बाद केंद्र का निर्माण शुरू न होने से प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को चूना लग रहा है। नपाप उतरौला की अध्यक्षा श्रीमती सविता गुप्ता ने बताया कि इस केंद्र के लिए भूमि का चयन तत्कालीन अधिकारियों द्वारा की गई है। केंद्र की भूमि नपाप उतरौला का नाम खतौनी में दर्ज है। केंद्र बनाने के लिए भूमि पर मिट्टी पटाई करने का अनुमोदन बोर्ड ने कर दिया है। शासन से स्वीकृति व धन मिलते ही केंद्र का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।