बिल्किस बानो के साथ सामूहिक ब्लातकार पर अपराधियों को सज़ा दिलाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम एक डी एम को सौंपा ज्ञापन।
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उतरौला (बलरामपुर)
बिलकिस बानो के साथ हुए सामूहिक बलात्कार व उनकी तीन साल की बेटी के हत्या के आरोपीयों को गुजरात सरकार द्वारा बरी किए गए अपराधियों को सज़ा दिलाकर, गुजरात सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर फिरोज बादल, राष्ट्रीय सचिव हाजी निसार उस्मानी ने सोमवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम न्यायिक ज्योति गौतम को सौंपा।
पत्र में कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिला सम्मान की बात करने के दूसरे ही दिन गुजरात 2002 के दंगों में सैकड़ों निर्दोष एवं तेरह अल्पसंख्यक मुसलमानों का कत्लेआम करने वालों, बिलकिस बानो के बलात्कारियों व उनकी तीन साल की बेटी के हत्यारों के ग्यारह अपराधियों को सीबीआई अदालत ने 2008 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मुकदमे में सैकड़ों लोग गवाह थे। इन अपराधियों की ओर से बराबर दया याचिकाएं लगाई जा रही थी। दया याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुए इस पर विचार करने का अधिकार गुजरात सरकार को दे दिया। गुजरात की भाजपा सरकार ने सभी हत्यारों को रिहा कर दिया। गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को शीर्षासन करवा दिया। क्या यही यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता श्लोक को चरितार्थ करना है। क्या यही नारी का सम्मान और पूजा है। ऐसे बलात्कारी हत्यारों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उनको सरे आम फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए। गुजरात सरकार द्वारा कोटलीय न्याय करने के बजाय एक घिसे पिटे और रद्द हुए कानूनी नियम का सहारा लेकर सारे हत्यारों को मुक्त कर दिया। गुजरात सरकार ने 1992 के एक नियम के आधार पर सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के अपराधियों को रिहा कर दिया लेकिन उसने ही 2014 में जो नियम जारी किया था उसका सरासर उल्लंघन है। सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2019 में बिलकिस बानो को पचास लाख रुपए हर्जाना के तौर पर दिलवाया था। गुजरात सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार की राय लिए बगैर चुनाव जीतने और थोक वोटों को दृष्टि में रखकर बहुत घृणित कार्य किया है। वारिस अली, रंजीत यादव, फखरुद्दीन खां, जावेद अंसारी, अरमान, जावेद सलमानी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।